ढूंडू खुद को

ढूँढू खुद को ☺

लोगो के भीड़ में, ढूँढू खुद को,
मेरी तन्हाई में, ढूँढू खुद को,
ढूंढे नजरे किसे पता नही.......
पर जब भी ढूँढू पाऊ किसी और को,

क्या है ये ना समझता मुझ को,
कुछ बताना चाहे नजरे तुझ को,
आखे तो मेरी है पर ध्यान नहीं,
मिली जब नजरे तो चोट लगी वजूद को,

इसलिए ...........

लोगो के भीड़ में ढूंढा खुद को,
मेरी तन्हाई में ढूंढा खुद को,
ढूंढे ना मेरी नजरे मुझे ........। 
की कहीं चोट ना लग जाये मेरे वजूद को .........☺☺☺☺

Comments

Popular posts from this blog

परिंदे

नाजाने ये कौन है.....?