Face of love
फेस ऑफ़ लव (अनोखे रूप प्यार के....)
प्यार के रूप बहुत देखे,
देखे प्यार के चेहरे ,
पहला रूप था ममता का
और चेहरा माँ के मेरे.....
प्रेम शब्द मिलता हर जगह,
समर्पण जो मीरा
ने किया,
भक्तिरूप लिए प्रेम
का,
सम्पूर्ण संसार याग दिया
.....
देश प्रेम का रूप दिखलाई
बलिदान कर के खुद के प्राण
धरती माँ की शान बढ़ाई......
ख़तम हो जाये वो प्यार नहीं
समझ जाये ....ना वो
प्यार सही,
मिले सुकुन जो दिल
को कहीं
सच्चे प्यार
की पहचान यही ..........
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